कभी रास्ते में मिल जाओ
तो कतरा के गुज़र जाना
हमे इस तरह तक्ना
जैसे पहचाना नहीं तुमने
हमारा जिक्र जब आये
तो यूँ अन्जान बन जाना
कि नाम सुनकर भी नहीं
जन तुमने
~kabhi kabhi
तो कतरा के गुज़र जाना
हमे इस तरह तक्ना
जैसे पहचाना नहीं तुमने
हमारा जिक्र जब आये
तो यूँ अन्जान बन जाना
कि नाम सुनकर भी नहीं
जन तुमने
~kabhi kabhi